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शनिवार, 7 जून 2014

rashtreey kayasth mahaparishad sammelan cuttack 6-7-2014

ॐ 
राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद 
(मानव कल्याण हेतु समर्पित संस्थाओं/सज्जनों का परिसंघ, पंजीयन क्रमांक: ०८७४/२०१३)
अध्यक्ष: त्रिलोकीप्रसाद वर्मा रामसखी निवास, पड़ाव पोखरलेन, आमगोला, मुजफ्फरपुर-८४२००१ बिहार ०९४३१२३८६२३, ०६२१-२२४३९९९, trilokee.verma@gmail.com 
महामंत्री : इंजी. संजीव वर्मा'सलिल', २०४ , विजय अपार्टमेन्ट, नेपियर टाउन, जबलपुर, ४८२००१ मध्य प्रदेश ९४२५१ ८३२४४ , ०७६१ २४१११३१, salil.sanjiv@gmail.com  
कोषाध्यक्ष सह प्रशासनिक सचिव: अरबिंद कुमार सिन्हा जे. ऍफ़. १/७१, ब्लोक ६, मार्ग १० राजेन्द्र नगर पटना ८०००१६ ०९४३१० ७७५५५, ०६१२ २६८४४४४, arbindsinha@yahoo.com 
।  कायास्थित ईश का, अंश हुआ कायस्थ ।
।। सब सबके सहयोग से, हों उन्नत आत्मस्थ ।।
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पत्र क्रमांक: ४८५ महा/राकाम/२०१४                   जबलपुर, दिनाँक:​ ७-६-२०१४ 
            राष्ट्रीय कायस्थ महासभा अर्धवार्षिक सम्मेलन : २०१३-१४ : अधिसूचना
. दिनांक: ५-६ जुलाई २०१४,   स्थान:श्री रामचन्द्र भवन, म्युनिसिपैल्टी कॉम्प्लेक्स,कटक।
संयोजक:प्रो. डॉ. नीलमणि दास, उपाध्यक्ष रा.का.म., चलभाष:०९४३७३१३६६७, ई मेल: Nilamani Das
कार्यक्रम विवरण : दिनांक : ५ - ७- २०१४
(अ)  कार्यकारिणी/संगठन समिति समिति बैठक  : अपरान्ह ४.०० बजे से संध्या ६.०० बजे । 
[संविधान कंडिका १२  के अनुसार उपस्थिति प्रार्थनीय : अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन सचिव, संयुक्त संगठन सचिव, मुख्य समन्वयक, संयोजक, प्रकोष्ठ प्रभारी आदि समस्त पदाधिकारी तथा सम्बद्ध संस्था प्रतिनिधि।]
कार्यवाही : सञ्चालन महामंत्री द्वारा, सहायक : संगठन सचिव, कोषाध्यक्ष  
कार्यावलि: १. देवाधिदेव श्री चित्रगुप्त अर्चना।
२. गत सञ्चालन समिति/संगठन समिति/सामान्य समिति बैठकों के प्रतिवेदनों तथा पदाधिकारियों के लिखित प्रतिवेदनों पर विचार। 
३. आय-व्यय विवरण पारित किया जाना। 
४. बजट प्रस्तावों पर विचार  / अनुशंसा।
५. सञ्चालन समिति बैठक हेतु प्राप्त लिखित प्रतिवेदनों प्रस्तावों/सुझावों/कार्यक्रमों/आमंत्रणों/आवेदनों/सम्मान प्रस्तावों पर विचार व अनुशंसा। आगामी त्रिमास हेतु लक्ष्य निर्धारण।   
६. अन्य विषय अध्यक्ष की अनुमति से। 
७. महामंत्री/अध्यक्ष द्वारा सम्बोधन व समापन।
संध्या ६ बजे: स्वल्पाहार-चाय।
(आ)  सञ्चालन समिति बैठक  : अपरान्ह ६.३० बजे से रात्रि ८.०० बजे । 
[संविधान कंडिका ९-११ के अनुसार उपस्थिति प्रार्थनीय : अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन सचिव, संयुक्त संगठन सचिव, समन्वयक, कार्यकारी सदस्य] 
 कार्यवाही सञ्चालन महामंत्री द्वारा, सहायक: मुख्यालय सचिव, कार्यालय सचिव, कोषाध्यक्ष      
: कार्यावलि :
१. देवाधिदेव श्री चित्रगुप्त वंदना ।
२. गत सञ्चालन समिति बैठक के कार्यवाही प्रतिवेदन, सञ्चालन समिति सदस्यों / पदाधिकारियों (संगठन सचिव, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष,  कार्यालय सचिव, मुख्यालय सचिव आदि) के प्रतिवेदनों, कार्यकारिणी समिति की लिखित अनुशंसाओं, प्राप्त लिखित अवदानों पर विचार व निर्णय ।
३. सामान्य सम्मेलन में पारित कराने हेतु वार्षिक बजट को अन्तिम रूप देना। 
४. पंजीयक को प्रेषित करने हेतु संचालन समिति का अनुमोदन।
५. आगामी सम्मेलनों, बैठकों व प्रतिभा-सम्मान हेतु प्राप्त लिखित प्रस्तावों पर निर्णय। 
६.  सामान्य सभा हेतु प्रतिवेदनों, प्रस्तावों, कार्यक्रमों, प्रमाणपत्रों आदि का अनुमोदन।
७. महामंत्री / अध्यक्ष द्वारा सम्बोधन व समापन।
रात्रि ८ बजे: साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम।       रात्रि ९.३० बजे: अतिथि भोज।
दिनांक : ६ - ७- २०१४
(अ)  प्रातः ८ बजे: स्वल्पाहार, चाय ।
(आ) सामान्य सम्मेलन: प्रातः ९ बजे से ४ बजे 
संविधान कंडिका १२ के अनुसार उपस्थिति प्रार्थनीय : संस्था के समस्त पदाधिकारी व सदस्य, सम्बद्ध संस्थापदाधिकारी/सदस्य, समाज के सभी सदस्य व अन्य समाजों के कायस्थ मित्र.
(क) स्वागत / परिचय सत्र: सञ्चालन सचिव स्वागत समिति द्वारा 
१. ध्वजारोहण तथा देवाधिदेव श्री चित्रगुप्त पूजन, आरती ।
२. संयोजक द्वारा अतिथि/ पदाधिकारी स्वागत व स्वागत भाषण, आयोजन पर प्रकाश। 
३. अतिथि / राष्ट्रीय पदाधिकारी परिचय । 
४. सम्बद्ध तथा स्थानीय संस्था प्रतिनिधि परिचय। 
५. उपस्थितों द्वारा आत्म परिचय । 
६.  महामंत्री / अध्यक्ष द्वारा सम्बोधन।  
७. अतिथियों का सम्बोधन तथा संयोजक द्वारा आभार।
(ख) कार्यवाही सत्र: सञ्चालन महामंत्री द्वारा
१. महामंत्री द्वारा सत्र प्रक्रिया की जानकारी।
२. महापरिषद का लेखा-जोखा, वार्षिक बजट, नियुक्तियाँ, बैठक प्रतिवेदनों को पारित करना।
३. उपस्थित सदस्यों से प्राप्त लिखित प्रतिवेदनों / सुझावों आदि पर विचार व निर्णय।
३.  स्थानीय संस्थाओं, आयोजनों, समस्याओं पर चर्चा व निर्णय। 
४.  परिचर्चा: '२१ वीं सदी में जातिगत आरक्षण और कायस्थ समाज। 
५.  महामंत्री / अध्यक्ष द्वारा सम्बोधन ।
अपरान्ह १.०० बजे: बिरादरी भोज।
(ग) समापन सत्र: अपरान्ह २.०० बजे: सञ्चालन संयोजक द्वारा
१. अतिथि आमंत्रण।                        २. प्रतिभा पुरस्कार / सम्मान।
३. अतिथियों का सम्बोधन।                ४. अतिथियों द्वारा आयोजकों के प्रति आभार। 
५. संयोजक द्वारा अतिथियों के प्रति आभार व समापन।
​salil.sanjiv@gmail.com                                                                                  ​
​http://divyanarmada.blogspot.in                                               संजीव वर्मा 'सलिल'
​facebook: sahiyta salila / sanjiv verma 'salil'                                       महामंत्री 

शुक्रवार, 6 जून 2014

chhand salila: geeta chhand -sanjiv

छंद सलिला:

गीता Roseछंद 

संजीव
*
छंद-लक्षण: जाति महाभागवत, प्रति पद - मात्रा २६ मात्रा, यति १४ - १२, पदांत गुरु लघु.

लक्षण छंद:

    चौदह भुवन विख्यात है , कुरु क्षेत्र गीता-ज्ञान
    आदित्य बारह मास नित , निष्काम करे विहान  
    अर्जुन सदृश जो करेगा , हरी पर अटल विश्वास  
    गुरु-लघु न व्यापे अंत हो , हरि-हस्त का आभास    
     संकेत: आदित्य = बारह 
उदाहरण:

१. जीवन भवन की नीव है , विश्वास- श्रम दीवार
   दृढ़ छत लगन की डालिये , रख हौसलों का द्वार   
   ख्वाबों की रखें खिड़कियाँ , नव कोशिशों का फर्श   
   सहयोग की हो छपाई , चिर उमंगों का अर्श 

२. अपने वतन में हो रहा , परदेश का आभास         
    अपनी विरासत खो रहे , किंचित नहीं अहसास
    होटल अधिक क्यों भा रहा? , घर से हुई क्यों ऊब?
    सोचिए! बदलाव करिए , सुहाये घर फिर खूब 

३. है क्या नियति के गर्भ में , यह कौन सकता बोल?
    काल पृष्ठों पर लिखा क्या , कब कौन सकता तौल?
    भाग्य में किसके बदा क्या , पढ़ कौन पाया खोल?
    कर नियति की अवमानना , चुप झेल अब भूडोल।

४. है क्षितिज के उस ओर भी , सम्भावना-विस्तार
    है ह्रदय के इस ओर भी , मृदु प्यार लिये बहार
    है मलयजी मलय में भी , बारूद की दुर्गंध
    है प्रलय की पदचाप सी , उठ रोक- बाँट सुगंध   
                         *********  
(अब तक प्रस्तुत छंद: अखण्ड, अग्र, अचल, अचल धृति, अरुण, अवतार, अहीर, आर्द्रा, आल्हा, इंद्रवज्रा, उड़ियाना, उपमान, उपेन्द्रवज्रा, उल्लाला, एकावली, कुकुभ, कज्जल, कामिनीमोहन, काव्य, कीर्ति, कुण्डल, कुडंली, गीता, गीतिका, गंग, घनाक्षरी, चौबोला, चंडिका, चंद्रायण, छवि, जग, जाया, तांडव, तोमर, त्रिलोकी, दिक्पाल, दीप, दीपकी, दोधक, दृढ़पद, नित, निधि, निश्चल, प्लवंगम्, प्रतिभा, प्रदोष, प्रभाती, प्रेमा, बाला, भव, भानु, मंजुतिलका, मदनअवतार, मदनाग, मधुभार, मधुमालती, मनहरण घनाक्षरी, मनमोहन, मनोरम, मानव, माली, माया, माला, मोहन, मृदुगति, योग, ऋद्धि, रसामृत, रसाल, राजीव, राधिका, रामा, रूपमाला, रोला, लीला, वस्तुवदनक, वाणी, विरहणी, विशेषिका, शक्तिपूजा, शशिवदना, शाला, शास्त्र, शिव, शुभगति, शोभन, शंकर, सरस, सार, सारस, सिद्धि, सिंहिका, सुखदा, सुगति, सुजान, सुमित्र, संपदा, हरि, हेमंत, हंसगति, हंसी)