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बुधवार, 24 दिसंबर 2014

chitraguptaji bhajan:

चित्रगुप्त भजन सलिला:



संजीव 'सलिल'
*
प्रभु चित्रगुप्त नमस्कार...

*
प्रभु चित्रगुप्त! नमस्कार 
बार-बार है...
*
कैसे रची है सृष्टि प्रभु! 
कुछ बताइए. 
आये कहाँ से?, जाएं कहाँ??
मत छिपाइए.
जो गूढ़ सच न जान सके-
वह दिखाइए.
सृष्टि का सकल रहस्य 
प्रभु सुनाइए.
नष्ट कर ही दीजिए-
जो भी विकार है...
*
भाग्य हम सभी का प्रभु!
अब जगाइए.
जाई तम पर उजाले को 
विधि! बनाइए.
कंकर को कर शंकर जगत में
हरि! पुजाइए.
अमिय सम विष पी सकें-
'हर' शक्ति लाइए.
चित्र सकल सृष्टि 
गुप्त चित्रकार है...
*

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