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मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

II श्री महालक्ष्यमष्टक स्तोत्र II ( मूल पाठ-तद्रिन हिंदी काव्यानुवाद-संजीव 'सलिल' )

 II  ॐ II

II श्री महालक्ष्यमष्टक स्तोत्र II 

( मूल पाठ-तद्रिन हिंदी काव्यानुवाद-संजीव 'सलिल' )

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते I
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोsस्तुते II१II

सुरपूजित श्रीपीठ विराजित, नमन महामाया शत-शत.
शंख चक्र कर-गदा सुशोभित, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

नमस्ते गरुड़ारूढ़े कोलासुर भयंकरी I
सर्व पापहरे देवी महालक्ष्मी नमोsस्तुते II२II

कोलाsसुरमर्दिनी भवानी, गरुड़ासीना नम्र नमन.
सरे पाप-ताप की हर्ता,  नमन महालक्ष्मी शत-शत..

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी I
सर्व दु:ख हरे देवी महालक्ष्मी नमोsस्तुते II३II

सर्वज्ञा वरदायिनी मैया, अरि-दुष्टों को भयकारी.
सब दुःखहरनेवाली, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

सिद्धि-बुद्धिप्रदे देवी भुक्ति-मुक्ति प्रदायनी I
मन्त्रमूर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोsस्तुते II४II

भुक्ति-मुक्तिदात्री माँ कमला, सिद्धि-बुद्धिदात्री मैया.
सदा मन्त्र में मूर्तित हो माँ, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

आद्यांतर हिते देवी आदिशक्ति महेश्वरी I
योगजे योगसंभूते महालक्ष्मी नमोsस्तुते II५II

हे महेश्वरी! आदिशक्ति हे!, अंतर्मन में बसो सदा.
योग्जनित संभूत योग से, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

स्थूल-सूक्ष्म महारौद्रे महाशक्ति महोsदरे I
महापापहरे देवी महालक्ष्मी नमोsस्तुते II६II

महाशक्ति हे! महोदरा हे!, महारुद्रा  सूक्ष्म-स्थूल.
महापापहारी श्री देवी, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

पद्मासनस्थिते देवी परब्रम्ह स्वरूपिणी I
परमेशीजगन्मातर्महालक्ष्मी नमोsस्तुते II७II

कमलासन पर सदा सुशोभित, परमब्रम्ह का रूप शुभे.
जगज्जननि परमेशी माता, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

श्वेताम्बरधरे देवी नानालंकारभूषिते I
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोsस्तुते II८II

दिव्य विविध आभूषणभूषित, श्वेतवसनधारे मैया.
जग में स्थित हे जगमाता!, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

महा लक्ष्यमष्टकस्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर: I
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यंप्राप्नोति सर्वदा II९II

जो नर पढ़ते भक्ति-भाव से, महालक्ष्मी का स्तोत्र.
पाते सुख धन राज्य सिद्धियाँ, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

एककालं पठेन्नित्यं महापाप विनाशनं I
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन-धान्यसमन्वित: II१०II

एक समय जो पाठ करें नित, उनके मिटते पाप सकल.
पढ़ें दो समय मिले धान्य-धन, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रु विनाशनं I
महालक्ष्मीर्भवैन्नित्यं प्रसन्नावरदाशुभा II११II

तीन समय नित अष्टक पढ़िये, महाशत्रुओं का हो नाश.
हो प्रसन्न वर देती मैया, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

 II तद्रिन्कृत: श्री महालक्ष्यमष्टकस्तोत्रं संपूर्णं  II

तद्रिंरचित, सलिल-अनुवादित, महालक्ष्मी अष्टक पूर्ण.
नित पढ़ श्री समृद्धि यश सुख लें, नमन महालक्ष्मी शत-शत..

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Acharya Sanjiv Salil

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रविवार, 23 अक्तूबर 2011

यम द्वितीय चित्रगुप्त पूजन पर विशेष भेंट: भजन: प्रभु हैं तेरे पास में... -- संजीव 'सलिल'

यम द्वितीय चित्रगुप्त पूजन पर विशेष भेंट:
भजन:
प्रभु हैं तेरे पास में...
-- संजीव 'सलिल'
*
कहाँ खोजता मूरख प्राणी?, प्रभु हैं तेरे पास में...
*
तन तो धोता रोज न करता, मन को क्यों तू साफ रे!
जो तेरा अपराधी है, उसको करदे हँस माफ़ रे..
प्रभु को देख दोस्त-दुश्मन में, तम में और प्रकाश में.
कहाँ खोजता मूरख प्राणी?, प्रभु हैं तेरे पास में...
*
चित्र-गुप्त प्रभु सदा चित्त में, गुप्त झलक नित देख ले.
आँख मूंदकर कर्मों की गति, मन-दर्पण में लेख ले..
आया तो जाने से पहले, प्रभु को सुमिर प्रवास में.
कहाँ खोजता मूरख प्राणी?, प्रभु हैं तेरे पास में...
*
मंदिर-मस्जिद, काशी-काबा मिथ्या माया-जाल है.
वह घट-घट कण-कणवासी है, बीज फूल-फल डाल है..
हर्ष-दर्द उसका प्रसाद, कडुवाहट-मधुर मिठास में.
कहाँ खोजता मूरख प्राणी?, प्रभु हैं तेरे पास में...
*
भजन:
प्रभु हैं तेरे पास में...                                                                           
संजीव 'सलिल'
*
जग असार सार हरि सुमिरन ,
डूब भजन में ओ नादां मन...
*
निराकार काया में स्थित, हो कायस्थ कहाते हैं.
रख नाना आकार दिखाते, झलक तुरत छिप जाते हैं..
प्रभु दर्शन बिन मन हो उन्मन,
प्रभु दर्शन कर परम शांत मन.
जग असार सार हरि सुमिरन ,
डूब भजन में ओ नादां मन...
*
कोई न अपना सभी पराये, कोई न गैर सभी अपने हैं.
धूप-छाँव, जागरण-निद्रा, दिवस-निशा प्रभु के नपने हैं..
पंचतत्व प्रभु माटी-कंचन,
कर मद-मोह-गर्व का भंजन.
जग असार सार हरि सुमिरन ,
डूब भजन में ओ नादां मन...
*
नभ पर्वत भू सलिल लहर प्रभु, पवन अग्नि रवि शशि तारे हैं.
कोई न प्रभु का, हर जन प्रभु का, जो आये द्वारे तारे हैं.. 
नेह नर्मदा में कर मज्जन,
प्रभु-अर्पण करदे निज जीवन.
जग असार सार हरि सुमिरन ,
डूब भजन में ओ नादां मन...
*

Acharya Sanjiv Salil

http://divyanarmada.blogspot.com

शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

: साहित्य समाचार: मध्य प्रदेश लघु कथाकार परिषद् : २६ वाँ वार्षिक सम्मेलन जबलपुर, २०-२-२०११

: साहित्य समाचार:
मध्य प्रदेश लघु कथाकार परिषद् : २६ वाँ वार्षिक सम्मेलन
    जबलपुर, २०-२-२०११, 
अरिहंत होटल, रसल चौक, जबलपुर

आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' व अन्य लघुकथाकार सम्मानित होंगे

जबलपुर. लघुकथा के क्षेत्र में सतत सक्रिय रचनाकारों कर अवदान को प्रति वर्ष सम्मानित करने हेतु प्रसिद्ध संस्था मध्य प्रदेश लघु कथाकार परिषद् का २६ वाँ वार्षिक सम्मेलन अरिहंत होटल, रसल चौक, जबलपुर में २०-२-२०११ को अपरान्ह १ बजे से आमंत्रित है.

परिषद् के अध्यक्ष मो. मोइनुद्दीन 'अतहर' तथा सचिव कुँवर प्रेमिल द्वारा प्रसरित विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष ७ लघुकथाकारों को उनके उल्लेखनीय अवदान हेतु सम्मानित किया जा रहा है.

ब्रिजबिहारीलाल श्रीवास्तव सम्मान - श्री संजीव वर्मा 'सलिल', जबलपुर.
सरस्वती पुत्र सम्मान -                   श्री पारस दासोत जयपुर.
रासबिहारी पाण्डेय सम्मान -           श्री अनिल अनवर, जोधपुर.
डॉ. श्रीराम ठाकुर दादा सम्मान -      श्री अशफाक कादरी बीकानेर.
जगन्नाथ कुमार दास सम्मान-        श्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार दुबे, जबलपुर.
गोपालदास सम्मान -                     डॉ. राजकुमारी शर्मा 'राज', गाज़ियाबाद.
आनंदमोहन अवस्थी सम्मान-         डॉ. के बी. श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर- मो. मोइनुद्दीन 'अतहर', जबलपुर.

कार्यक्रम प्रो. डॉ. हरिराज सिंह 'नूर' पूर्व कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय की अध्यक्षता, प्रो. डॉ. जे. पी. शुक्ल पूर्व कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के मुख्यातिथ्य तथा श्री राकेश 'भ्रमर', श्री अंशलाल पंद्रे व श्री निशिकांत चौधरी के विशेषातिथ्य में संपन्न होगा.

इस अवसर पर मो. मोइनुद्दीन 'अतहर' द्वारा सम्पादित परिषद् की लघुकथा केन्द्रित पत्रिका अभिव्यक्ति के जनवरी-मार्च २०११ अंक, श्री कुँवर प्रेमिल द्वारा सम्पादित प्रतिनिधि लघुकथाएँ २०११  तथा श्री मनोहर शर्मा 'माया' लिखित लघुकथाओं के संग्रह मकड़जाल का विमोचन संपन्न होगा.

द्वितीय सत्र में डॉ. तनूजा चौधरी व डॉ. राजकुमार तिवारी 'सुमित्र' लघु कथा के अवदान, चुनौती और भविष्य विषय पर विचार अभिव्यक्ति करेंगे.
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शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

चिट्ठा चर्चा : रेखा श्रीवास्तव जी : LBA की नयी अध्यक्षा

चिट्ठा  चर्चा :

रेखा श्रीवास्तव जी : LBA की नयी अध्यक्षा

                                        आईये तहे-दिल से आपका स्वागत करें.

यह घोषणा करते हुए बहुत ही हर्ष का अनुभव हो रहा है कि LBA की नयी अध्यक्षा  रेखा श्रीवास्तव जी को नियुक्त किया गया है.
रेखा जी का परिचयउन्हीं की ज़ुबानी-
"मैं आई आई टी , कानपूर में मशीन अनुवाद प्रोजेक्ट में कार्य कर रही हूँ. इस दिशा में हिंदी के लिए किये जा रहे प्रयासों से वर्षों से जुड़ी हूँ. लेखन मेरा सबसे प्रिय और पुरानी आदत है. आदर्श और सिद्धांत मुझे सबसे मूल्यवान लगते हैं , इनके साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है. गलत को सही दिशा का भान कराना मेरी मजबूरी है , वह बात और है कि मानने वाला उसको माने या न माने. सच को लिखने में कलम संकोच नहीं करती."

परिवर्तन प्रकृति का नियम है
कहते हैं कि इस दुनियाँ की हर चीज़ बदलती रहती है. हालात बदलते रहते हैं और हालात को सँभालने वाले इंसान भी बदलते रहते हैं इसीलिए LBA की पारीवारिक हालात सँभालने के लिए प्रेसिडेंट पद के लिए नियुक्त किया गया है- रेखा श्रीवास्तव को ! रेखा श्रीवास्तव जी एक पुख्ता सोच और संतुलित व्यवहार की मालिक हैं, वहीँ वह हिन्दी के लिए पूर्ण रूप से समर्पित भी हैं. वह ब्लॉग-जगत में ही नहीं बल्कि बाहर भी एक प्रतिष्ठित साहित्यकार के नाम से जानी जाती हैं. उनका नाम ब्लॉग जगत में भी किसी परिचय का मोहताज नहीं है, एक लम्बे अरसे से वे ब्लॉग जगत में सक्रिय हैं और ऊँचा मुकाम रखती हैं. LBA के कार्यकारिणी के पदाधिकारीगण और सदस्यों से अनुरोध है कि वे अपने नए प्रेसिडेंट का स्वागत तहेदिल और जोश-ओ-ख़रोश से करें.

इसी के साथ मैं यह भी ध्यान दिलाना चाहता हूँ कि पिछले काफ़ी समय से चन्द ब्लॉगर्स (LBA सदस्य) को छोड़ के काफ़ी ब्लॉगर्स ऐसे भी हैं जो LBA पर अपनी पोस्ट नहीं डाल रहे हैं, उनसे अनुरोध है कि वे अपने निजी ब्लॉग के साथ-साथ LBA पर भी अपनी पोस्ट डालें. आजकल बहुत से मुद्दे ऐसे हैं जिन पर जागरूकता की आवश्यकता है. LBA का मंच आज सशक्त है और उनका विचार उनके निजी ब्लॉग कि अपेक्षा और ज़्यादा यहाँ LBA पर प्रचार पा सकता है. हिन्दी और हिन्दी भाषी हित के लिए समर्पित इस ब्लॉग पर पूरा योगदान दें!

ध्यान देने योग्य कुछ और बातें
मार्गदर्शन निति नियम के अभाव में विगत कुछ दिनों से जो हालात पैदा हुए वे फ़िर न पैदा हों इसके लिए जल्द ही निति-निर्देश को अंतिम रूप दे कर लागू कर दिए जायेंगे. इस सन्दर्भ में नयी अध्यक्षा सहित LBA के सभी ख़ास-ओ-आम सदस्यों से अपील है कि वे अपना अमूल्य सुझाव दें. हाँ, कुछ बातें अभी से लागू की जा रही हैं जो नीति निर्देश का हिस्सा अवश्य ही होंगी कि किसी भी जायज़ सवाल को सभ्य तरीक़े से पूछना का हक़ सबको है, यहाँ तक कि वह LBA का सदस्य हो अथवा नहीं लेकिन इतना ध्यान अवश्य ही रखना होगा कि संयोजक और अध्यक्षा की पोस्ट के जवाब में पुनः पोस्ट न डाली जाए बल्कि उनकी उसी पोस्ट में टिपण्णी करके अपने विचार प्रस्तुत किये जाएँ.

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उपाध्यक्ष जनाब एस. एम. मासूम जी को नियुक्त किया गया है. वे एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं और वर्तमान में 'देश की मर्यादा' नामक मैगजीन के ब्यूरो चीफ़ हैं. वे मूल रूप से जौनपुर, उत्तर प्रदेश से वाबस्ता है. उनका पुख्ता तरीक़े से यह मानना है कि ब्लॉगर्स की आवाज़ बड़ी दूर तक जाती है इसलिए ब्लॉगर्स इसका सही इस्तेमाल करें. क़लम का इस्तेमाल इंसानियत के हित में करें. अमन का पैगाम नामक ब्लॉग इनका काफ़ी चर्चा में रहता है. रेखा श्रीवास्तव जी और जनाब एस.एम. मासूम दोनों ही विश्व के सबसे बड़े सामुदायिक ग़ैर-मुनाफ़ा ब्लॉग ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन के सदस्य भी है.

पुनश्च रेखा श्रीवास्तव जी को अध्यक्षा और जनाब एस.एम. मासूम को उपाध्यक्ष बनाये जाने पर बहुत-बहुत बधाई.
आभार: लखनऊ ब्लोगर्स असोसिएशन