जो अपनी तथा सबकी काया में परमपिता परात्पर परम ब्रम्ह श्री चित्रगुप्त के अंश को स्थित मानते हैं वे कायस्थ हैं. राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद सामाजिक कुरीतियों एवं रूढियों का विरोध कर योग्यता पर आधारित समाज का पक्षधर है.
बुधवार, 18 फ़रवरी 2009
सदस्यता लें
संदेश (Atom)